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सिन्धु घाटी सभ्यता
Sindhu Ghati Sabhyata
सिन्धु सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक थी, जो भारत की एकमात्र नगरीय क्रांति को दर्शाती है | सिन्धु घटी सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने की थी | यह कास्ययुगीन सभ्यता थी | इस सभ्यता के लोगो ने तांबा और टिन को मिलाकर कांसा का निर्माण करना सिख लिया था लेकिन लोहे से परिचित नही थे | कार्बन डेटिंग पद्धति C-14 के आधार पर इस सभ्यता का काल लगभग 2500 – 1750 ई. पू. तक का माना जाता है | सिन्धु सभ्यता का उदभव भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में हुआ जो वर्तमान में भारत, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के कुछ क्षेत्रो में अवस्थित है |
सिन्धु सभ्यता एक विस्तृत क्षेत्र पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, सिंध एवं बलुचिस्तान तक फैली हुई थी | सिन्धु सभ्यता केवल सिन्धु नदी तक ही सीमित नही थी अपितु बलूचिस्तान में सुत्कान्गेडोर, सोत्काकोह, सिंध प्रान्त में मोहनजोदड़ो(अर्थ – मृतकों का टीला), चन्हूदड़ो, कोटदिजी, पंजाब में हडप्पा, रोपड़, संघोल, हरियाणा में बनावली, राखिगढ़ी, राजस्थान में कालीबंगा, गुजरात में लोथल, रंगपुर, सुतकोतदा आदि हडप्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल है |
Sindhu Ghati Sabhyata
प्रमुख तथ्य –
* हडप्पा के टीले की खुदाई सर जॉन मार्शल के निर्देशन पर 1921 में दयाराम साहनी ने की थी | मोहनजोदड़ो का पता आर. डी. बनर्जी ने 1922 में लगाया था |
* मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल एवं धोलावीराआदि इसे स्थल है कृषक जनसंख्या की अपेक्षा गैर कृषि कार्य में लगे लोगो की संख्या अधिक थी | ये स्थल प्रशासनिक, शिल्प एवं व्यापार-वाणिज्य आदि गतिविधियों के केंद्र होते थे | लोथल और सुतकोतदा सिधु सभ्यता के बंदरगाह थे |
* हडप्पा सभ्यता की सर्वाधिक महतवपूर्ण विशेषता थी _ इसका नगर नियोजन | मुख्य सड़के एक दुसरे को समकोण पर काटती थी, धोलावीरा में जल निकासी का उत्तम प्रबंध था | अधिकांश नगर नदियों के किनारे बसे थे |नगरों व घरों के विन्यास के लिए ग्रीड पद्धति अपनाते थे | घर के दरवाजे और खिड़कियाँ सड़क की और न खुलकर पिछवाड़े की ओर खुलते थे |दोहरे जुते हुए खेत और नक्काशीदार ईंटों के प्रयोग का साक्ष्य कालीबंगा से हुआ है |
* मोहनजोदड़ो से प्राप्त अन्नानागार संभवतः सिन्धु सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत है और एक विशाल स्नानागार मिला है | पशुपतिनाथ की मूर्ति, पुजारी की मूर्ति एवं एक कास्य की नृतकी की मूर्ति भी प्राप्त हुई है |
* हडप्पा की मोहरों पर सबसे अधिक एक श्रंगी पशु का अंकन मिलता है | सिन्धु सभ्यता की लिपि भावचित्रात्मक है और यह लिपि दांयी से बांयी ओर लिखी जाति थी |
* मुख्य फसले – गेंहू और जौ ; मिठास के लिए शहद का प्रयोग करते थे |
* सुतकोतदा, लोथल और कालीबंगा से घोड़े के अवशेष प्राप्त हुए थे |
* मेसोपोटामिया के अभिलेखों में वर्णित मेलुहा शब्द का अभिप्राय सिन्धु घाटी से ही है |
* वृक्ष पूजा और शिव पूजा के प्रचलन के साक्ष्य सिन्धु सभ्यता में मिलते है | मातृदेवी की उपासना सर्वाधिक प्रचलित थी |
* पशुओ में कूबड़ वाला सांड इस सभ्यता के लोगो के लिए विशेष पूजनीय था |
* मनोरजन के लिए सैन्धव सभ्यता के लोग मछली पकड़ना, शिकार करना, पशु पक्षियों को आपस में लड़ाना, चौपड़ और पासा खेलना आदि साधनों का प्रयोग करते थे |
* हडप्पा सभ्यता से भरी मात्रा में मुहरें प्राप्त हुई है जिनमे से अधिकतर सेलखड़ी से बनी मुहरें है |
* कालीबंगा जिसका अर्थ काली चिड़िया है यहाँ से अग्निवेदिका तथा सूती कपडे से लिपटा एक उस्तरा मिला है |
* शवों को जलाने एवं दफनाने की दोनों प्रथाये प्रचलित थी | हडप्पा में शवों को दफनाने जबकि मोहनजोदड़ो में जलाने की प्रथा विद्यमान थी | लोथल और कालीबंगा में युग्म समाधियाँ मिली है |
* सोने चांदी का उपयोग आभूषण बनाने में करते थे |
* सिन्धु सभ्यता के विनाश का संभवतः सबसे प्रभावी कारण बाड़ को माना जाता है |
Sindhu Ghati Sabhyata
सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थल, नदी, उत्खननकर्ता एवं वर्तमान स्थिति
प्रमुख स्थल | नदी | उत्खननकर्ता | वर्ष | वर्तमान स्थिति |
---|---|---|---|---|
हडप्पा | रावी | दयाराम साहनी एवं माधोस्वरुप वत्स | 1921 | पाकिस्तान का मोंटगोमरी जिला |
मोहनजोदड़ो | सिन्धु | राखालदास बनर्जी | 1922 | पाकिस्तान के सिंध प्रान्त का लरकाना जिला |
चन्हुदड़ो | सिन्धु | गोपाल मजुमदार | 1931 | पाकिस्तान का सिंध प्रान्त |
कालीबंगा | घग्गर | बी. बी. लाल एवं बी. के. थापर | 1953 | राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला |
कोटदिजी | सिन्धु | फजल अहमद | 1953 | पाकिस्तान के सिंध प्रान्त का खेरपुर |
रंगपुर | मादर | रंगनाथ राव | 1953-54 | गुजरात का काठियावाड़ जिला |
रोपड़ | सतलज | यज्ञदत्त शर्मा | 1953-56 | पंजाब का रोपड़ जिला |
लोथल | भोगवा | रंगनाथ राव | 1955 एवं1962 | गुजरात का अहमदाबाद जिला |
आलमगीरपुर | हिंडन | यज्ञदत्त शर्मा | 1958 | उत्तरप्रदेश का मेरठ जिला |
सूतकांगेडोर | दाश्क | ऑरेज स्टाइल एवं जार्ज डेल्स | 1927 एवं 1962 | पाकिस्तान का मकराना जिला |
बनावली | रंगोई | रवीन्द्रनाथ बिस्ट | 1974 | हरियाणा का हिसार जिला |
धौलावीरा | रवीन्द्रनाथ बिस्ट | 1990 | गुजरात का कछ जिला |
Sindhu Ghati Sabhyata
हडप्पाई निवासियों द्वारा आयातित वस्तुये
वस्तु | स्थान |
---|---|
सोना | ईरान, अफगानिस्तान, दक्षिणी भारत |
चांदी | मेसोपोटामिया, ईरान |
तांबा | खेतड़ी (राजस्थान), बलूचिस्तान |
टिन | ईरान, अफगानिस्तान |
लाजवर्द मणि | बदख्शां |
कीमती पत्थर | बलूचिस्तान, राजस्थान |
सेलखड़ी | ईरान |
Sindhu Ghati Sabhyata
Related Quiz
- हडप्पाकालीन स्थलों से अभी तक किस धातु की प्राप्ति नही हुई है ?
(अ) सोना (ब) चांदी
(स) तांबा (द) लोहा
- किस स्थल से उन्नत जल प्रबंधन का पता चलता है ?
(अ) मोहनजोदड़ो (ब) लोथल
(स) धोलावीरा (द) कालीबंगा
- हडप्पा का सर्वाधिक मान्यता प्राप्त काल है ?
(अ) 2800-2000 ई.पू. (ब) 2700- 1200 ई.पू.
(स) 2500-1750 ई.पू. (द) निश्चित नही हो सका
- हडप्पा सभ्यता के निवासी थे ?
(अ) जनजातीय (ब) ग्रामीण
(स) शहरी (द) खानाबदोश
- सिन्धु सभ्यता का बंदरगाह कोनसा था ?
(अ) धोलावीरा (ब) कालीबंगा
(स) रोपड़ (द) लोथल
- हडप्पा सभ्यता की खोज किस वर्ष हुई थी ?
(अ) 1935 (ब) 1921
(स) 1901 (द) 1953
- दोहरे जुटे हुए खेत के साक्ष्य कहा से मिले ?
(अ) रंगपुर (ब) चन्हुदड़ो
(स) कालीबंगा (द) लोथल
- हडप्पा से सर्वाधिक प्राप्त मोहरे किस धातु की थी ?
(अ) चांदी (ब) सोना
(स) तांबा (द) सेलखड़ी
Sindhu Ghati Sabhyata
- हडप्पा निवासी सोना का आयत कहा से करते थे ?
(अ) बलूचिस्तान (ब) ईरान
(स) मिश्र (द) चीन
- मोहनजोदड़ो के उत्खननकर्ता कौन थे ?
(अ) राखालदास बनर्जी (ब) दयाराम साहनी
(स) रंगनाथ राव (द) यज्ञदत्त शर्मा
उत्तर :- 1 (द) : 2 (स) : 3 (स) : 4 (स) 5 (द) : 6 (ब) : 7 (स) : 8 (द) : 9 (ब) : 10 (अ)
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