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Ladli Laxmi Yojana
लाडली लक्ष्मी योजना
प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में लगातार सार्थक भूमिका निभा रही है! (Ladli Laxmi Yojana) के प्रावधानों को और शिथिल किया गया है! नए संशोधन के अनुसार जिस परिवार में अधिकतम दो संतानें हैं! एवं उनकी माता अथवा पिता की मृत्यु हो गई है! तो परिवार की बच्ची की पांच साल की उम्र होने तक! उसका आंगनवाड़ी केन्द्र पर पंजीयन हो सकेगा पहले यह व्यवस्था थी कि ऐसी बच्ची के जन्म के एक वर्ष के अंदर उसका आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकरण कराना जरूरी था। इस संबंध में आवेदन अब संशोधन के अनुसार दिया जा सकेगा।
Ladli Laxmi Yojana 2020 लाडली लक्ष्मी योजना प्रदेश में महिला के लिए 2020
एक और संशोधन यह किया गया था! कि ऐसे प्रकरणों में जहां पति की मृत्यु के उपरांत किसी महिला की दूसरी शादी होती है! और उस महिला के पूर्व से ही दो बच्चे हैं! तो दूसरी शादी से पैदा हुई पुत्री को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
बालिका कल्याण से जुड़ी इस महत्वाकांक्षी योजना से परिवार कल्याण कार्यक्रम अपनाने के प्रति भी लोगों का रुझान निरंतर बढ़ रहा है। अप्रैल 2008 के बाद जन्मी पहली बालिका के साथ ही अब जुड़वां बालिकाओं व ऐसी हितग्राही, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुका है, को भी योजना का लाभ मिल रहा है।
राज्य सरकार द्वारा बालिका जन्म के प्रति जनता में सकारात्मक सोच, लिंग अनुपात में सुधार, बालिकाओं के शैक्षणिक स्तर तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार तथा उनकेअच्छे भविष्य की आधारशिला रखने के उद्देश्य से लाडली लक्ष्मी योजना 2007 से चलाई जा रही है। योजना का लाभ ऐसी बालिकाओं को दिया जा रहा है, जिनके माता प्रदेश के मूल निवासी हों, जो आयकर दाता न हों, जिनकी दो या दो से कम संतान हों तथा बालिका राज्य के किसी भी आंगनवाडी केन्द्र में पंजीकृत हो तथा बालिका का जन्म 1 जनवरी, 2006 या उसके बाद हुआ हो।